Wednesday, November 9, 2011

New controversy arises for Jivaji University Ph D Exam

Amazing Information - http://amazing-info.blogspot.com
Good Humour , Entertainment, Jokes http://7joke.blogspot.com/ / /Updated Sarkari Naukri http://sarkari-damad.blogspot.com/  / Updated Admission Notice India http://admission-query.blogspot.com/ , Latest Naukri Recruitment Results - http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/, Competition Exam Papers / Syllabus - http://syllabus123.blogspot.com/
नए विवाद में फंसी जीवाजी यूनिवर्सिटी की पीएचडी  प्रवेश परीक्षा
(New controversy arises for Jivaji University Ph D Exam.)

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी की पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर अब नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। विवाद अध्यादेश-11 लागू करने की तिथि तथा इसकी मंजूरी को लेकर है। अध्यादेश को विद्या परिषद तथा कार्यपरिषद से मंजूरी लिए बिना यूनिवर्सिटी प्रशासन ने लागू कर दिया है। इसके अलावा इसे 11 जुलाई 2009 से प्रभावी माना गया है, जबकि यह पारित हुआ वर्ष 2011 में हुआ। जानकारों का कहना है कि बीती तिथि या अवधि से कोई भी अध्यादेश प्रभावी नहीं माना जा सकता।

मप्र समन्वय समिति ने पाणिनी विवि उज्जैन की ओर से तैयार किए गए पीएचडी प्रवेश परीक्षा का अध्यादेश-11 स्वीकार कर लिया था। इसके बाद कुलाधिपति (राज्यपाल) ने विश्वविद्यालयों में उक्त अध्यादेश को मॉडल के तौर पर लागू करने के निर्देश दिए थे। जेयू प्रशासन ने विद्या परिषद एवं कार्यपरिषद से सैद्धांतिक मंजूरी लिए बिना इस अध्यादेश-11 को लागू कर दिया।

जेयू प्रशासन ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए जो निर्देश जारी किए हैं, उसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि यूजीसी के अध्यादेश-11 के अनुसार परीक्षा आयोजित की जा रही है। मप्र विवि अधिनियम की धारा 38 (2) के तहत जिस दिन समन्वय समिति की बैठक में कोई अध्यादेश पारित होता है, उसे उसी दिन से लागू माना जाता है, जबकि शासन के निर्देश पर जेयू प्रशासन 11 जुलाई 2009 के बाद से लागू कर रहा है।

ऐसी स्थिति में प्रवेश परीक्षा कराने से भविष्य में तमाम तरह की अड़चनें पैदा हो सकती हैं। प्रवेश परीक्षा के लिए लगभग 2500 छात्रों ने फार्म भरे हैं। इस मामले को लेकर जावेद अली फहीम व कुछ अन्य छात्रों ने बुधवार को हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है। याचिका में कहा गया है कि कोई भी अध्यादेश बीती तिथि से लागू नहीं किया जा सकता।

पीजी का परिणाम नहीं आया तो निरस्त होंगे फॉर्म

ऐसे छात्र जिनका स्नातकोत्तर का परिणाम घोषित नहीं हो सका है और उन्होंने पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया है, के फॉर्म निरस्त किए जा सकते हैं। इन छात्रों का कहना है कि परिणाम समय पर घोषित नहीं किए जाने का खामियाजा वे क्यों भुगतें? उनका कहना है कि प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की तिथि परिणाम निकलने तक बढ़ायी जानी चाहिए।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/MP-GWA-phd-entrance-test-new-feud-2539074.html
-----------------------------------------

No comments:

Post a Comment